जैसे ही उसका लंड खुला … मैं झट से उसके लंड को पकड़कर हिलाने लगी। उसका लंड धीरे धीरे टाइट होता जा रहा था। कुछ ही पलों में विशु का लंड खड़ा हो गया। लंड के गुलाबी टोपे को मैं अपने मुँह में रखकर चूसने लगी।
मैं उसके लंड को डंडी पर लगी आइसक्रीम की तरह चाट रही थी। मुझे लंड चूसते देख कर विशु का लंड और भी ज्यादा टाइट हो गया। उसे भी बड़ा जोश आ रहा था। वो भी तेजी से सांसें लेकर ‘सूंसूं … हूँ … आह इसस्स …’ की आवाज निकाल रहा था।
कुछ देर बाद विशु ने अपने लंड को मेरे मुँह से निकाल लिया। मैं अब चुदने के लिए मरी जा रही थी। मैं खुद ही अपने लोअर को निकलने लगी। रसभरी चूत को चटवाने के लिए मैं बिस्तर पर बैठ गयी।
विशु नीचे ही बैठ कर मेरी टांगों को फैलाकर मेरी चूत के दर्शन करने लगा। मेरी चूत को देखकर उसके भी मुँह में पानी आ गया। अगले ही पल मेरी चूत को वो रसमलाई की तरह चाट चाट कर मजा ले रहा था।
भाई ने चाटी मेरी चुत
मेरी चूत की खाल को दांतों से खींच खींचकर चूस रहा था। उसके मुँह से अपनी चूत के दाने को कटवाते ही मेरी चूत में आग लग जाती थी। मैं फर्स्ट टाइम ओरल Xxx करती हुई अपनी चूत को ‘उह उअअह आआह ई सी सी सी … उन्ह …’ की आवाज के साथ चटवा रही थी।
उसने अचानक से अपना लंड मेरी चूत पर रख कर रगड़ना शुरू कर दिया। मेरी चूत गर्म हो चुकी थी। इतने में ही विशु ने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगा दिया। उसने मेरी चूत में जोर से धक्का मारा लेकिन उसका लंड मेरी चूत से फिसल गया।
विशु ने लंड को दोबारा चूत पर सैट करके जोर से धक्का मारा। उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया था और मुझे बहुत दर्द होने लगा था। कुछ देर रुकने के बाद उसने एक और जोरदार धक्का मारा और अपना पूरा लंड मेरी कुंवारी चूत के अन्दर घुसा दिया।
मेरी चूत से खून आने लगा था। विशु ने मेरी चूत की सील तोड़ दी थी। मेरी आंखों में दर्द के मारे पानी आ गया। मेरे मुँह से जोर से आवाज निकलने लगी। मेरी चूत को पहली बार में ही ऐसा लंड मिला था जिसने मेरी चीख निकाल दी।
मुझको आज अपने भाई से चुदने का भरपूर मजा मिल रहा था। विशु मुझे किस करते हुए चोद रहा था। कुछ ही देर में मेरा दर्द खत्म हो गया और चूत चुदाई में मजा आने लगा।
बीवी को छोड़ कर पड़ोसन से प्यार – 1
भाई से चुदवाकर चुत से निकल आया पानी
मैं मस्ती में बोलने लगी- आंह और जोर से चोदो मेरे विशु राजा … बड़े दिनों की प्यास के बाद ये मजा मिला है। फाड़ डालो … आंह और जोर से चोदो मेरे राजा … उंह उंह उंह हूँ। मेरी मादक आवाज निकलने लगी।
उसके लंड ने मेरे चूत को जबरदस्त रगड़ना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में मुझको लगने लगा था कि विशु आज मेरी चूत को पूरी तरह से घिस डालेगा। वो चूत की जड़ तक अपना लंड पेलकर मेरी चुदाई कर रहा था।
कुछ देर में ही वो थक कर बैठ गया। मैं उसके लोहे की सलाख जैसे लंड पर अपनी चूत रख कर बैठ गयी। मेरी चूत में उसका पूरा लंड समाहित हो गया। मैं विशु के लंड पर उछल उछल कर चुदने लगी।
मैं धीरे धीरे कुछ ज्यादा ही उत्तेजित होने लगी। मेरी चूत से माल निकलने वाला था। मैं जोर जोर से ‘आऊ … आऊ … अह … सीई … आंह …’ की आवाज निकालती हुई झड़ गयी।
उसका लंड मेरे माल से भीग गया। उसने भी अपनी कमर उठा उठा कर मुझको और ज्यादा स्पीड से चोदना शुरू कर दिया। लगभग दो मिनट बाद उसके लंड ने भी माल निकालने की स्थिति बना दी।
मैं समझ गई और मैंने चूत से लंड निकाल कर लंड मुँह में लिया। मैंने उसका लंड चूस कर सारा माल पी लिया। लंड का स्वाद थोड़ा नमकीन था। आज विशु के साथ चुदाई में मुझे बहुत मजा आया था।
उस रात हम दोनों ने तीन बार चुदाई की। उसके बाद मुझको जब भी मौका मिलता, तो मैं विशु से अपनी चुदाई करवा लेती और चरम सुख की प्राप्ति कर लेती।