यह मेरी और मेरी बुआ की कहानी है जिसमे आप लोग पढ़ेंगे की कैसे मै अपनी ही बुआ का दीवाना था और बुआ भी कही ना कही मुझे पसंद करती थी और इसी चक्कर में मेने बुआ की चुदाई भी करि। तो चलिए जानते है पूरा किस्सा।
बात कुछ ऐसे शुरू हुई की मेरे पापा मेरी बुआ से बहुत प्यार करते थे और उसकी अभी शादी भी नहीं हुई थी। वह मेरे पापा की सबसे छोटी बेहेन थी और उसकी उम्र भी कुछ 27 साल की होगी।
वह दिखने में बहुत ही ज्यादा सुन्दर थी और उन्हें देख भी यह नहीं कह सकता था की वह इतनी उम्र की है। उन्हें देखने से वह किसी लड़की से काम नहीं लगती थी और उनका यौवन तो किसी भी लड़की के मुकाबले बहुत सेक्सी था ही।
बुआ के दोनों बूब्स बहुत ही ज्यादा गोल थे और उभरे हुए थे जिन्हे देख मेरे हाथ उन्हें दबाने चाहते थे। बुआ की गांड भी काफी उठी हुई थी जैसे वह रोज ही किसी मोटे लंड को अपनी गांड में लेती हो या लेना चाहती हो।
और तो और बुआ का रंग भी बहुत ज्यादा गोरा था और उनकी हथेली का रंग भी गुलाबी था। उनके हाथ देख कभी कभी मेरे दिल में उनकी गुलाबी चुत की छवि आ जाती थी की वह किसी होगी या उसे चोदने में कितना मजा। आएगा
पर वह मेरी बुआ थी उनपर लाइन मारने में मेरी गांड बहुत ज्यादा फटती थी क्युकी अगर वह ऐसा कुछ पापा से कह देती तो पापा मेरी पिटाई करते ही करते और मेरी इज्जत जाती वो अलग।
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पर अब मेरे हाथ एक अच्छा मौका लगा था और पापा मुझे बुआ के घर ले जाने वाले थे। बुआ अभी दादी के साथ ही रहती थी और जॉब करके सबा पेट भर्ती थी। पापा भी मुझे अपने साथ ले गए थे क्युकी मेने भी बहुत दिनों से दादा दादी से मिलाप नहीं किआ था।
अब हम बुआ के घर पहुंच गए थे और मेने सबसे मिलके अपने कपडे बदल लिए। अब मै जल्दी से बुआ के कमरे में गया और उनके काम पर से आने का इन्तजार करने लगा।
शाम होते ही बुआ भी घर आ गयी और मेने बुआ से मिलकर उनकी काफी तारीफ करि। बुआ भी मुझे देख कर खुश थी। अब बुआ ने मुझे कहा की मै कमरे से बाहर चला जायु कोई उन्हें भी कपडे बदलने है।
मै बहार चला गया पर मेरे दिल में बुआ को नंगा देखने की लालसा बहुत थी। इसलिए मेने अब चारो तरफ देखा और दरवाजे के एक छोटे से छेद में से झाकने की कोशिश करि।
पर जैसे ही बुआ अपनी ब्रा निकलने वाली थी उन्होंने मझे देख लिआ और एक कोने में चली गयी। अब मेरी गांड पूरी तरह से फट चुकी थी क्युकी मुझे यह डर था की यह बात बुआ पापा से ना कह दे।
पर अब बुआ ने कुछ देर बाद मुझे अपने पास बुलाया और बिठाकर बात करने लगी। शुरू में तो सब आराम से चला रहा था पर अब बुआ ने अचानक से पूछा की मै उन्हें उस छेद में से ऐसे क्यों देख रहा था।
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अब जल्बाजी में मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था और मेने बुआ से कह दिआ की मै उनसे बहुत प्यार करता हु और उन्हें देखे बिना मुझे बहुत ही अजीब लगता है इसलिए मै उन्हें सब एक झलक देखना चाहता था।
अब बुआ ने मुझे कहा की क्या मै उन्हें बिना कपड़ो के देखना चाहता था और यह सुन मै डर गया की अब वह गुस्सा होंगी। पर बुआ ने कुछ उल्टा ही कहा। बुआ ने बोला की अगर मै उन्हें प्यार करता हु तो वह मेरे लिए इतना तो कर ही सकती है।
यह सुन मै चौक गया था और मेने बुआ को देखते हुए उनकी हां में हां भर दी। बुआ ने अब मुझे कहा की इस समय सब घर में ही है और मै रात के 2 बजे उनके पास आयु जिसके बाद हम दोनों आराम से बाते करेंगे।
मै भी इस चीज के लिए राजी हो गया क्युकी रात का समय चुदाई के लिए ही ख़ास होता है और उस समय कमरे में मेरे साथ बुआ भी अकेली होंगी। अब रात हो चली थी और मै बुआ के पास जाने के लिए अपने कमरे से निकल गया।
मेने बुआ का दरवाजा बजाय और बुआ ने भी जल्दी से मुझे अंदर ले लिआ और दरवाजा बंद कर लिआ। अब बुआ ने मुझे कहा की मै उनसे कितने प्यार करता हु।
मेने बुआ से कहा की मै उन्हें इतना प्यार करता हुआ की मै उनके लिए कुछ भी कर सकता ह। बुआ मेरी बात सुनकर खुश हो गयी और अब बुआ ने कहा की अगर ऐसा है तो आज वह मेरा प्यार देखना चाहती है।
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