मैं किराये के कमरे में रहता था। एक बार मैंने बिल्डिंग के खुले आंगन में चारपाई पर एक नवयुवा कॉलेज गर्ल को बैठे देखा। मैं भी उस चारपायी पर बैठ गया। उसके बाद क्या हुआ? दोस्तो, मेरा नाम रोहित है और मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं।
मेरी उम्र अभी 29 साल की है। मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सारी सेक्स कहानियां पढ़ी हैं तो सोचा कि आज मैं भी अपनी जिंदगी की सच्चाई को आप लोगों तक पहुंचाऊं। अब मैं आपको अपने बारे में बताता हूं। मैं दिखने में ठीकठाक हूँ।
मेरी हाइट 5 फुट 8 इन्च है और मेरे लंड का साइज 7 इंच है। अब कहानी पर आते हैं। यह बात अब से करीब 6 साल पहले की है। उस वक़्त मैं मुरादाबाद में काम करता था। मैंने वहां किराये पर एक कमरा लिया हुआ था।
उस घर में मेरे मकान मालिक उनकी बीवी और उनकी माँ रहती थी। मैं उन्हें भैया भाभी और उनकी माँ को अम्मा कहता था जैसे भैया भाभी भी उनसे अम्मा कहते थे। अभी मैं अपने घर आया हुआ था क्योंकि मेरे भाई की शादी थी।
शादी से निपट कर मैं मुरादाबाद वापस चला गया। जब मैं वहाँ पहुंचा तो मैंने देखा कि एक लड़की मेरे कमरे के ठीक सामने पड़ी हुई चारपाई पर बैठी थी। और भैय्या भाभी कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे, उनके कमरे में ताला लगा हुआ था।
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लड़की को फ़साने में हो गया कामयाब
मैंने जाकर अपना बैग कमरे में रखा और बाहर निकल कर उसी पलंग पर एक साइड में लेट गया जिस पर वो लड़की बैठी थी। मैंने उस लड़की से भैय्या को पूछा तो उसने बताया कि उनकी किसी रिश्तेदार की मौत हो गयी है वहाँ गए हैं।
और अम्मा मोहल्ले में किसी के यहाँ बैठने गयी हैं। वहाँ दो बच्चे भी खेल रहे थे शायद वो उसके भाई थे। मैं उससे बातें करने लगा। बातों से मुझे वो लड़की कुछ चालू टाइप लग रही थी।
मैंने उसे आजमाने के लिए अपना हाथ उसकी पीठ पर टच किया तो उसने कुछ नहीं कहा। अब मेरी हिम्मत और बढ़ गयी फिर मैं उसकी पीठ पर अपनी उंगलियाँ फिराने लगा। उसने अब भी कुछ नहीं कहा और मुझसे बात करती रही।
उसने मुझे आपना नाम शिवानी बताया और वो अभी बी ए पहले साल में थी। अब तक मैं भी समझ गया था कि ये सब उसे अच्छा लग रहा था क्योंकि अगर उसे बुरा लगता तो वो मेरा हाथ हटा सकती थी या फिर वहां से उठ कर चली जाती।
अब मैंने हिम्मत करके उसके दूध पर अपना हाथ टच किया उसने कुछ नहीं कहा। फिर मैंने उसके दूध को अपने हाथ में भर लिया। इस बार उसने मेरा हाथ हटा दिया लेकिन वो वहीं बैठ कर मुझसे बात करती रही।
मैंने फिर से उसके दूध को अपने हाथों में भर लिया उसने फिर मेरा हाथ हटा दिया लेकिन मुझसे कहा कुछ नहीं और ना ही वहाँ से उठी। इस बार मैंने अपने दोनों हाथों से उसके दोनों दूध पकड़ कर अपने ऊपर गिरा लिया और उसके दूध प्यार से सहलाता रहा।
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भाईओ को छोड़ आयी छत पर
अब वो मेरा कोई विरोध नहीं कर रही थी। फिर मुझे ऐसा लगा कि दरवाजे पर कोई आया है तो मैंने उसे छोड़ दिया और वो अपने कपड़े ठीक करके बैठ गयी और मैं लेटा रहा।
उस लड़की ने पीछे घूम कर देखा तो अम्मा आयी थी। अम्मा जब अंदर आयी तो मैंने उन्हें नमस्ते की और उनका हालचाल पूछने लगा। फिर अम्मा ने मुझसे कहा कि मैं उन्हें 100 रुपए दे दूँ क्योंकि भय्या का पता नहीं था कि वो कितने टाइम बाद आएंगे और अम्मा को सब्जी लानी थी।
मैंने अम्मा को 100 रुपये दिए और अम्मा बाज़ार चली गयी सब्जी लेने के लिए। मुझे पता था कि अम्मा को कम से कम 1 घंटा लग जायगा वापस आते आते। उस लड़की से मैंने अपने कमरे में चलने को कहा क्योंकि मैं अब उसे चोदना चाहता था।
उस लड़की का भी मन था चुदने का पर उसके दो छोटे भाई वहाँ पर खेल रहे थे। इसलिए वो मेरे साथ कमरे में नहीं जा रही थी। फिर अचानक पता नहीं उसके दिमाग में क्या आया उसने मुझे ऊपर छत पर जाने को बोला।
मैं छत पर आ गया। पीछे पीछे वो भी अपने दोनों भाइयों को लेकर छत पर आ गयी। 5 मिनट तक वो उनके साथ खेलती रही और मुझसे बोली- तुम अपने कमरे में चलो, मैं बाद में आती हूँ।