नमस्ते दोस्तों मेरा नाम सलमान है और मेरी उम्र 20 साल है। यह कहानी कुछ एक साल पहले की है। हम घर में सिर्फ 3 लोह रहते है मै , और मेरे माता पिता। गांव में कुछ जरूरी काम आने की वजह से मेरे माता पिता को गांव जाना था। और मेरे कालेज की पढाई की वजह से वे मुझे घर ही छोर्ड गए। मेरे माता पिता मुझे तब भी छोटा समझते थे और मेरा ख्याल रखने के लिए मौसी को घर देखने के लिए भेज दिआ। मेरी मौसी भी करीब 22 साल की थी जिसका शरीर किसी हसीन अभिनेता जैसा था। मौसी के नितम्ब उभरे हुए व् बहुत मोटें थे जो मौसी के झुकने पे साफ़ साफ़ देखते थे। अब ऐसे ही 2 दिन बीत गए जिनमे मेने कई बार मौसी के नाम की मुठी भी मारी। तीसरे दिन की बात है मौसी और में टीवी देख रहे थे की अचानक बत्ती चली गयी और सब जगह अँधेरा हो गया।
मौसी से हुई हसीन बाते
मैंने मोमबत्ती निकाल कर कमरे में उजाला किआ और वापस बिस्तर पर बेठ गया। अब मै और मौसी बाते करने लगे की कैसे मौसी का हाल ही में ब्रेकअप हुआ है और वह बहुत उदास भी है। मैने मौसी का मूड अच्छा करने के लिए अपने मोबाईल में गाने चला दिए। कुछ समय बाद रोमेंटिक गाने आने शुरू हो गए जिन्हे में और मौसी दोनों गुनगुनाने लगे। अब मौसी का मूड भी ठीक हो गया था और वह खुलकर बाते करने लगी। मौसी ने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में भी पूछा जिसका मैंने हस्ते हुए ना में जवाब दिआ। अब मौसी खाना बनाने चली गयी और मै भी टहलने बाहर चला गया। कुछ समय आने के बाद मौसी और मैंने खाना खाया और फिर से बाते करने लगे। अब मौसी की तबियत थोड़ी बिगड़ने लगी थी और उन्हें बुखार भी लग रहा था।
मौसी ने मुझे हाथ देते हुए कहा की लो सलमान मेरी नव्ज़ देखो और बताओ की मुझे बुखार है या नहीं। मुझे हाथ पकड़ने के बाद कुछ समझ न आया और मेने जल्दी जल्दी हां भरते हुए मजाक में बोला की दिल तो सीने में है इसलिए नव्ज वह से अच्छी सुनाई देती है। ऐसे कहते हुए में हसने लगा और मौसी ने जल्दी से मुझे बोला आओ सामान यहाँ कान लगाओ। अब मैने बिना सोचे मौसी के बड़े बड़े नितम्बो में मुह्ह डालते हए उनकी दिल की धड़कन सुनने लगा और दोनों हाथो से मौसी को पकड़ने भी लगा।
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मौसी की चूत करदी गरम और चोदा
अब मौसी की सासे भी तेज होने लगी और उन्होंने मेरा मुह्ह तेजी से अपने नितम्बो में दबा लिआ। अब मुझे मजा आ रहा था और मैने किसी तरह एक हाथ से मौसी के नितम्ब को दबाना शुरू कर दिआ। मौसी अब और तेज सासे लेने लगी जिससे मेरा लंड भी खड़ा हो गया और मौसी ने लंड को देख लिआ। मौसी ने धीरे से मेरा सर अपने नितम्बो से हटाते हुए मेरी आँखों में देखा और मुझे किस करना शुरू कर दिआ। बिना बत्ती के मुझे कुछ सही से नहीं दिख रहा था पर में भी मौसी को किस करते हुए जवाब दने लगा। अब मौसी और मै दोनों गरम हो चुके थे और मौसी मेरे निचे आ चुकी थी। धीरे धीरे मेने मौसी को पूरा नंगा कर दिआ और उनके उभरे हुए नितम्ब चूसने लगा। अब मौसी भी मुझे प्यार करने लगी और मेने अपना हाथ मौसी की चूत की तरफ बढ़ाते हुए उसे सहलाना शुरू कर दिआ।
अब मौसी कामवासना से भर चुकी थी और मुझे निचे करते हुए मेरा लंड चूसना शुरू कर दिआ। काफी देर लंड चूसने के बाद मेरा लंड पूरा सख्त हो गया था जिसे मेने मौसी की चूत में घुसना शुरू कर दिआ। मौसी दर्द और हवस से कराह रही थी। मैंने एक जोर के धक्के के साथ मौसी की चूत कि सील तोड़ दी और अपना पूरा लंड घुसा दिआ। मौसी की चूत पर खून फेल गया था और मौसी की आँखों में भी आंसू आ गए थे। पर हवस का हम दोनों पर पूरा असर था। सबकुछ अनदेखा करते हुए मैंने मौसी को छोड़ना शुरू दिआ। अब मौसी तेज तेज आआह आआआह आअह की आवाजे निकलते हुए मुझसे छोड़ने लगी। में भी तेजी से धक्के लगाते हुए मौसी की चूत चोदता रहा। 30 मिनट की चुदाई के बाद मै और मोसी दोनों झड़ गए और मैंने माल मौसी की चूत में ही निकाल दिआ। ऐसे ही उस रात मेने और मौसी ने बिना सोये 5 बार चुदाई करी और अपनी अपनी हवस मिटाई।
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