हेलो दोस्तों मेरा नाम रेखा है और में अभी 22 साल की हु। हमारे घर में हम 4 लोग रहते है, मै, मेरा छोटा भाई राजू और हमारे माता पिता। हमारे घर में हर आम परिवार की तरह 2 कमरे है, एक कमरा मेरा और भाई का एवं दूसरा मम्मी पापा का। गर्मिओ का समय था और हम लोग कूलर चला कर सोया करते थे। एक रात 1 बजे करीब बत्ती चली गयी जिससे हमारा कूलर भी बंद हो गया। अब मुझे बहुत गर्मी लग रही थी तो मेने अपनी ब्रा का हुक खोलकर ब्रा को साइड में रख दिए और सोने लगी। कुछ समय बत्ती ना आने के कारण मेने पजामा भी उतारने की सोची पर राजू मेरे बगल में ही सो रहा था। मेने हिम्मत करते हुए अपना पजामा आधा निचे सरका लिए जिससे मुझे ठंडक मिलने लगी। अब मुझे गर्मी कम लग रही थी पर मेरी हवस बढ़ने लगी थी। मेने एक हाथ अपने पैंटी में डालते हुए अपनी चुत को रगड़ना शुरू कर दिआ। इतने में राजू ने मेरी तरफ करवट ली और अपनी गरम सांसे मुझ पर छोरडना शुरू कर दी। इससे में और कामुक हो गयी और अपनी चुत में उंगलिआ करना शुरू कर दिआ।
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मेरे मुह से अहह आह की आवाजे आने लगी थी जोकि मेने किसी तरह रोक रखी थी की तभी राजू ने करवट लेते हुए एक हाथ मेरे नितम्बो पर रख दिआ। ब्रा ना होने की वजह से मेरे नितम्ब बड़े नजर आ रहे थे और राजू का हाथ उन्हें और कामुक बना रहा था। मेने बिना कुछ सोचे राजू के हाथो से अपने नितम्ब दबाने शुरू कर दिए। अब मेने अपनी पैंटी और पजामा भी उतार दिए और राजू के हाथो से मजा लेने लगी।
भाई ने बेहेन को पहली बार चोदा
अब राजू का हाथ ना जाने कैसे खुद चलने लगा था। वह मेरे नितम्ब जोर जोर से दबा रहा था और में तेज तेज सिस्किआ लेने लगी थी। मेने राजू की तरफ देखा तो उसकी आँखे खुली हुई थी और वह भी मेरे नितम्बो से मजे ले रहा था। में राजू की तरफ बड़ी और उसके होठो को चूमना शुरू कर दिए। राजू ने भी मेरा पूरा साथ दिए और मेरे होठो को जोर जोर से चूसने लगा। अब मैंने राजू का हाथ लेकर अपनी चुत पर रखा और रगड़ने को बोलै। राजू अभी मुझे छोटा था तो शायद उसे चुदाई करना भी नहीं आता था। उसने मझसे प्यार से पूछा की दीदी ये सब तो गलत होता है ना भाई बेहेन के लिए। तब मेने उसे समझाया की लड़के किसी और लड़की के चक्कर में ना पड़े इसीलिए भगवान ने बेहेन बनाई और उन्हें चुत दी है ताकि वह भाई को खुश रख सके। राजू बिना कुछ बोले मेरी बात मान गया और मेरे नितम्बो की निप्पलों को चूसने लगा। अब में बहुत ही कामुक होने लगी थी, मेने एक हाथ से राजू का सख्त लंड पकड़ा और हिलाना शुरू कर दिआ। राजू का लंड काफी मोटा व लम्बा था, मेने बिना कुछ देखे भाई के लंड को मुह्ह में लेके चूसना शुरू कर दिआ। राजू भी अब सीसकिआ लेने लगा था क्युकी शायद यह उसने पहले कभी अनुभव नहीं किआ था।
राजू का लंड चूसने के बाद मेने उसे निचे होकर मेरी चुत चाटने को बोला। राजू ने वैसा ही किआ जिससे मेरी हवस चरमसीमा पर आ गयी अब में बेचैन होने लगी थी। राजू तेजी से मेरी चुत चाट रहा था और में कामुकता में अहह आह की आवाजे निकले जा रही थी
भाई के लंड से पहली बार चुदी हवसी दीदी
अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था और मेने फिरसे राजू के लंड को पकड़ हिलना शुरू कर दिआ जिससे वो बहुत सख्त और बड़ा हो गया। अब मेने राजू को निचे लिटाकर उसके लंड पे बेथ ऊपर निचे होकर छोड़ने लगी। राजू भी अब चुदाई का मजा लेने लगा था और निचे से धक्के लगा रहा था। उसका लंड मानो बहुत मोटा था जिससे मेरी चुत में बहुत खुजली भी होने लगी थी पर चुदाई अभी बाकि थी। अब राजू ने मुझे निचे कर अपना लंड चुत में पूरा घुसा दिआ जिससे मेरी चुत टाइट हो गयी। अब हम दोनों बहुत जोर जोर से चुदाई कर रहे थे। राजू के शरीर का पसीना मुझे और मदहोश करता जा रहा था। अब राजू की चुदाई तेज होने लगी थी और वह झड़ने भी वाला था। मेने राजू को समझाया की अपना माल मेरे मुह्ह में निकल देना और चुत में नहीं छोड़ना।
लगातार 25 मिनट की चुदाई के बाद राजू ने अपना वीर्य मेरे मुह्ह में भर दिआ जिसे में प्यार से पी गई। उस रात हमने 5 बार चुदाई की और आगे जब भी मोके मिले हम दोनों ने एक दूसरे को किसी और की कमी महसूस नहीं होने दी। और कुछ दिन बाद मेरी शादी हो गयी पर अब साल में एक दो बार मेरा छोटा भाई मिलने आता है मेरी चुत की गर्मी को ठंडा करता है।
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